बेक़रार सी थी रातें, बेशुमार तेरी यादें
बेहिसाब ग़म ये था मेरा
बेअसर रही शराबें, बेसबर ये दिल जो मेरा
बेवकूफ़ था तेरे बिना
बेक़रार सी थी रातें, बेशुमार तेरी यादें
बेहिसाब ग़म ये था मेरा
बेअसर रही शराबें, बेसबर ये दिल जो मेरा
बेवकूफ़ था तेरे बिना
तेरे बिन रात-दिन
भीगता था मैं अश्कों की बारिश में
आज तू है सामने जो
कम हुए हैं सारे फ़ासले, फ़ासले
आज तोड़ दे चाहे फिर मुझे
तुझसे टूटने में भी एक मज़ा है
हम अगर नहीं बाँहों में तेरी
किसकी फिर भला ये हसीं जगह है?
आज तोड़ दे चाहे फिर मुझे
तुझसे टूटने में भी एक नशा है
हम अगर नहीं बाँहों में तेरी
किसकी फिर भला ये हसीं जगह है?
बेज़ुबान सी थी रातें, बरसी फिर जो तेरी यादें
बिखरा जिनमें ग़म ये था मेरा
बेतुकी लगी शराबें, भीगा जिनमें दिल ये मेरा
बेवजह था सब तेरे बिना
आ गई ये शाम जो
तो कल सुबह का कोई इंतज़ार क्यूँ करे?
दूरियाँ ख़तम हुई
ख़तम हुए हैं सारे फ़ासले, फ़ासले, फ़ासले