थिर-थिर-थिर-थिरके
गगन छुए सर-सर-सर-सर से
परचम उड़े फर-फर-फर-फर से
आएँ हैं वीर हर घर-घर-घर से
शहीदों का जश्न है, जश्न है (होए)
नमन है, नमन है (होए)
कभी उठें, कभी गिरें, जंग में होके गुम
रंग में जीत के रंगे हम-तुम
तेरे आगे हर कोई झुका, कोई झुका, चोला-चोला
तेरे क़दमों में रखूँ ज़रा, रखूँ ज़रा दुनिया, दुनिया
हिम्मत, ग़ैरत, दोनों आँखें हैं शेरों की
आजा, योद्धा, रहे ना निशानी दुश्मनों की
थिर-थिर-थिर-थिरके
गगन छुए सर-सर-सर-सर से
परचम उड़े फर-फर-फर-फर से
आएँ हैं वीर हर घर-घर-घर से
शहीदों का जश्न है, जश्न है (होए)
नमन है, नमन है (होए)
कभी उठें, कभी गिरें, जंग में होके गुम
रंग में जीत के रंगे हम-तुम
ज़रा-ज़रा सा ख़ुमार है, सवार है जीत के पर पे
कई-कई ख़्वाहिशें भी हैं, जुनून है अपने सर पे
ओ, माटी को सींचूँ लहू से, ये स्वर्ग बचाऊँ सभू से
अरे, नशे में झूम के दीवाना, अरे, तुझे पुकारे हसीना रे
ओ, माटी को सींचूँ लहू से, ये स्वर्ग बचाऊँ सभू से
अरे, नशे में झूम के दीवाना, अरे, तुझे पुकारे हसीना रे
सुंदरी, मेरी निगाहों के वार चले हैं
यहाँ-वहाँ घाव लगे, भरे हैं सारे घाव तन पे जंग के
मिटे नहीं हैं जो तूने दिए मन पे, इसका भी है नशा
प्रेम-रस पिए जा, पिए जा
(मगर) डगमगाना मत रे
(कभी) छूटें ना तलवारें ये
(नहीं), शेर, मत रुकना रे
ख़ुमार है, सवार है जीत के पर पे
कई-कई ख़्वाहिशें भी हैं, जुनून है अपने सर पे
इस धरती का देखा था सपना
दुश्मन को किया पारा-पारा-पारा-पारा
हमने मौत को भी नचाया है, हो, हो-हो-हो-हो
जिसका सर झुका, माफ़ किया
जो ख़ंजर ताना, साफ़ उसे किया-किया
मुड़कर जो चला, जाने दिया रे, हो, हो-हो
चोलों का ये तरीक़ा है, इस पर ही अब चलना है
धरती से लेके दो गगन तक इसका ही बोल-बाला है
थिर-थिर-थिर-थिरके
गगन छुए सर-सर-सर-सर से
परचम उड़े फर-फर-फर-फर से
आएँ हैं वीर हर घर-घर-घर से
इसका भी है नशा
प्रेम-रस पिए जा, पिए जा
(मगर) डगमगाना मत रे
(कभी) छूटें ना तलवारें ये
(नहीं), शेर, मत रुकना रे