तुझसे दूरियाँ मिली हैं
तभी मजबूरियाँ बड़ी हैं
तुमको मिल गई हैं ख़ुशियाँ
हमको तू कहाँ मिली है
तुम जैसी हो, तुम वैसी ही रहो
जब संग मेरे तो कुछ भी ना कहो
हम अधूरे-अधूरे से हैं
तुमसे रूठे-रूठे से हैं
लगती दिल को तेरी तलब
नशे में डूबे-डूबे से हैं
Ayy, जब होती पास में हो तुम, मन हो जाए बादलों में गुम
बसी साँस, हर एक आस और एहसास में है तू
लफ़्ज़-ओ-लिबास, मेरी आदतों में तू
तू फ़ितूर, तू सुरूर, इन दूरी-फ़ासलों में तुम अब
तू जैसी है, तू वैसी रहा कर
मेरी baby, तू है देवी, ले लूँ तेरी बला सब
त्वें ते घौर मैं ले जालूँ मेरी ब्योली बणा कर
मेरी बाँद, तू कमाल, लगे पूरी क़यामत, yeah
तू जैसी है, तू वैसी रहा कर
तू मेरा है किनारा, बहूँ तेरी राह पर
तू दुखों का सहारा, तू है मेरी दुआ सब
तेरे रूप की नज़ाक़तों पे लिखूँ रिवायत
Ayy, हाथ थामो मेरा, जानाँ, करो मुझे सफ़ल
मिटा दो ना दूरियाँ, ना रहा करो अलग
ना हुआ करो ख़फ़ा, ना यूँ दिया करो ज़ख़म
मुझे ख़ुद में मिला कर करो साँसें मेरी अमर
तुझसे दूरियाँ मिली हैं
तभी मजबूरियाँ बड़ी हैं
तुमको मिल गई हैं ख़ुशियाँ
हमको तू कहाँ मिली है
तुम जैसी हो, तुम वैसी ही रहो
जब संग मेरे तो कुछ भी ना कहो
हम अधूरे-अधूरे से हैं
तुमसे रूठे-रूठे से हैं
लगती दिल को तेरी तलब
नशे में डूबे-डूबे से हैं
You left me
तेरे बारे अब मैं लिखूँ तो फिर क्या लिखूँ?
आए हैं आँसू फिर से मेरी इन मोहब्बतों के
गुलाम तेरे नहीं हम, तेरे आगे क्यूँ झुकूँ?
तूने जहाँ तक बुलाया हम तो वहाँ तक गए
तूने बोला कि don’t move और हम वहीं रुक गए
हैरानी तब हुई जब दुनिया वाले आ के बोले
“इसको छोड़ दे”, और तुम हँसते-हँसते
दुनिया वालों को, जानाँ, हाँ कर गए
तुम तबाह कर गए
तेरे हाथों अपनी ख़ुशियाँ हम गँवा कर गए
पूरा बाज़ार सजा तेरी ग़लतियों के लिए
ग़लतियाँ मिली हैं हज़ार, पर गवाह कहाँ गए?
अब तू जैसी है मैं वैसी ही रखूँ
तेरे दगड़ी सात फ़ेरा लीते अपणा बणौ लूँ
तेरी माया रखूँ साथ, त्वें ते देवी बतौं लूँ
तेरी रोज पूजा करी ते मैं भेंट चढ़ौ लूँ
मैं अपने प्यार की मैं लिख दूँ ये कहानियाँ हज़ार
हमने दिल में कहा था, तुम तो जा बैठे बाज़ार
जो इज़्ज़त तुमको हमने इतने सालों में दी है
तुमने एक पल ना सोचा, तुम वो बेच आए, यार
तुझसे दूरियाँ मिली हैं
तभी मजबूरियाँ बड़ी हैं
तुमको मिल गई हैं ख़ुशियाँ
हमको तू कहाँ मिली है
तुझसे दूरियाँ मिली हैं
तभी मजबूरियाँ बड़ी हैं
तुमको मिल गई हैं ख़ुशियाँ
हमको तू कहाँ मिली है
तुम जैसी हो, तुम वैसी ही रहो
जब संग मेरे तो कुछ भी ना कहो
हम अधूरे-अधूरे से हैं
तुमसे रूठे-रूठे से हैं
लगती दिल को तेरी तलब
नशे में डूबे-डूबे से हैं