जब कभी तुम आओगी दिल की ये दहलीज़ पे
देखोगी इसे कितना सजा के रखा है तेरे लिए
जब कभी तुम आओगी दिल की ये दहलीज़ पे
देखोगी इसे कितना सजा के रखा है तेरे लिए
साँसों में साँसें होती हैं कम
जब भी होता है तू मुझसे दूर
धड़कन ये मेरी है सिर्फ़ तेरी
कैसे बयाँ मैं करूँ…
कितना है प्यार?
Mmm-hmm-hmm, mmm-hmm-hmm
ला-ला, ला-ला-ला, ला-ला
हाँ-हाँ-हाँ, हाँ-हाँ-हाँ, ला-ला-ला, ला-ला-ला, ला-ला
देखूँ मैं तुझे आते-जाते नज़रें छुपा के कहीं
सोचूँ मैं तुझे दिन-भर यूँ ही, लफ़्ज़ों में तुम हर घड़ी
दिल की बातें रह जाती हैं, होंठों पे आ के मेरे
तेरी आँखें कह जाती हैं सारी वो बातें मेरी
सुना था ये मैंने, जो चाहो ‘गर दिल से
काएनातें ये लग जाती हैं
मिलाने में उनको जुड़े हैं जो दिल से
कैसे बयाँ मैं करूँ…
कितना है प्यार?
Mmm-hmm-hmm, mmm-hmm-hmm
ला-ला, ला-ला-ला, ला-ला
हाँ-हाँ-हाँ, हाँ-हाँ-हाँ, ला-ला-ला, ला-ला-ला, ला-ला
जब कभी तुम आओगी दिल की ये दहलीज़ पे