Falling for you…
Falling for you…
(ISHH)
It’s been a year, तू मेरे साथ नहीं
But still I’m falling for you
It’s been a year, होती अब बात नहीं
But still I’m calling for you
It’s been a year, तू मेरे साथ नहीं
But still I’m falling for you
It’s been a year, होती अब बात नहीं
But still I’m calling for you
It’s been a year…
याद है, huh, कैसा मैं बुद्धू और introvert सा
पर होता जब साथ मैं तेरे, बेबात ही हँसूँ, खो जाता ये वक्त कहाँ?
हो जाता एक हफ़्ता किए बिन call, तू कहती पर, “सब कुछ सही”
था नशे में शायद मैं, समझ ना पाया, और हाथों में अब कुछ नहीं
हाँ, ये दिल भी कैसे सँभालें? हम ख़्वाम-ख़ाह दीवाने
वे माहिया, तू सब कुछ जाने, क्यूँ करे फ़िर बहाने?
सारी की सारी ग़लती थी मेरी
तू बोलती कुछ, मैं समझा कुछ
हो किसी से बात, मैं जलता क्यूँ?
खोने से आज भी डरता हूँ क्यूँ?
तू कहती थी, “ख़ून ना कर दें घरवाले, allowed नहीं”
पर सारा दिन रहती मेरे साथ, ऐसे में कैसे हो दिल को कोई doubt नहीं?
तू कहती थी, “करती नहीं ज़्यादा बात किसी और से तेरे अलावा मैं”
तो कैसे दिल मान ले साथ बिताया जो वक्त वो सारा दिखावा है?
And now I think so you never cared
When I told you that I’m drowning for you
Hmm-mmm
It’s been a year, तू मेरे साथ नहीं
But still I’m falling for you
It’s been a year, होती अब बात नहीं
But still I’m calling for you
It’s been a year, तू मेरे साथ नहीं
But still I’m falling for you
It’s been a year, होती अब बात नहीं
But still I’m calling for you
It’s been a year…