दिल है ज़ख्मी, कैसे मुझे मर्ज़ छोड़े
ये ख़ुशी को तरसे, और मुझे नहीं दर्द छोड़े
माँ बोली, “बेटा बने हाफ़िज़, दर्स छोड़े”
पढ़ा करो सुनते, और मैंने यहाँ फ़र्ज़ छोड़े
जितना आगे बढ़ा, लोगों से हैं ग़र्ज़ छोड़े
पढ़ा ना क़ुरान मैंने, पेश ज़ेर-ज़बर छोड़े
ज़िंदगी GTA, बिना cheat codes के
Leave me alone, मैंने काम सारे कर छोड़े
१० साल मैंने पाँच अपने घर छोड़े
जाने क्या सब कुछ किया किसकी ख़ातिर
मेरा कोई नहीं ठिकाना, पंजाबी हो के भी मैं लगता महाजिर
ये है ज़ाहिर, खेलती है खेल दुनिया
Fuck being legend, I die young rather
औक़ात की और ज़ात की बात करूँ बाद में
पाँव कैसे फ़ैलाता, जब थी ही ना चादर?
माना ऐसे कामों में तो थोड़ा होता रिस्क-विस्क
सीधा बंदा, सीधी बातें, नहीं होती ट्रिक्स-व्रिक्स
रातें जागूँ, beats ढूँढूँ, गाने लिखूँ
सुबह उठ के call करूँ, “Jokhay, गाने कर दे मिक्स-विक्स”
सब ही मुझसे ऊपर तो फिर कैसे conflicts?
Music करूँ अपने लिए, नहीं views clicks
कितनी fans मेरे DM में slide करें
I’m a one woman man, fuck you all side chicks
जिगर, ये industry तेरी सगी ना
जिगर, सोई क़िस्मत अभी जगी ना
तुझे लगे तेरा अब सही, सब सही
शुकर कर ख़ुदा का, अभी चोट तुझे लगी ना
हासिल है, इन चीज़ों से क्या हासिल है?
क़ातिल है, J ख़ुद का क़ातिल है
लोग देखूँ, आगे बढ़ें, सीढ़ी चढ़ें
और judge करूँ ख़ुद को, “क्या J इतना क़ाबिल है?”
आ मिले, मुझसे लोग कितने आ मिले
गले लगे, साथ चले, जैसे माँ मिले
जा मिले, तुझे अच्छा ही सिला मिले
फ़हरिस्त बुराई की और J भी उसमें शामिल है
कब तक लेके चलूँ सीने में ये बोझ मैं?
बिना नशे के भी रहता हूँ मदहोश मैं
खो रहा होश मैं, डूबा गहरी सोच में
बदलता ठिकाने, जैसे हूँ ख़ाना-बदोश मैं
कब तक लड़ूँ अपने आप से यूँ रोज़ मैं?
ग़लत फ़ैसले ना ले लूँ कहीं जोश में
खो रहा होश मैं, डूबा गहरी सोच में
बदलता ठिकाने, जैसे हूँ ख़ाना-बदोश मैं
बदलता ठिकाने, जैसे हूँ ख़ाना-बदोश मैं
बदलता ठिकाने, जैसे हूँ ख़ाना-बदोश मैं
बदलता ठिकाने, जैसे हूँ ख़ाना-बदोश मैं
बदलता ठिकाने, जैसे हूँ ख़ाना-बदोश
समझ नहीं आ रहा कि मैं फँसा हुआ कैसी जगह
ढूँढे सहारा, दिल ये दे रहा ख़ुद को कैसी सज़ा?
हसरत भरी निगाहें, दर्द में भी मुस्कुराएँ
खो चुके हैं लफ़्ज़, जैसे लिख रहा मैं पहली दफ़ा
मेरी जगह रख के देख तू अपने आप को
पैदा होते ही खो दिया जिसने बाप को
माँ मेरी जन्नत, जिसके लिए करता मैं मन्नत
जीते-जी मैं हर ख़ुशी अब अपनी देना चाहता आप को
तेरे अलावा मेरा इस दुनिया में था ही कौन?
आज मुझको चाहने वाले मानें अपना icon
देख वक़्त बदल रहा, ये नहीं रहा पहले जैसा
फ़िकर नहीं कर माँ, अब सबसे लड़ लेगा ख़ुद तेरा बेटा
हाँ, मैं बदल चुका, मैं पहले बिल्कुल ऐसा नहीं था
नहीं ज़्यादा पढ़ सका, पास पढ़ने के लिए पैसा नहीं था
फिर भी मैं बेहतर तुझसे, डरते काफ़ी rapper मुझसे
पास तेरे सब कुछ, बस ये जिगरा मेरे जैसा नहीं था
Music का शौक़ था तब, पर ये मेरा पेशा नहीं था
यही शौक़ मेरा बदल गया दीवानगी में
हँसी-ख़ुशी देने के लिए राज़ी अपनी जान भी
आज भी जी रहा ज़िंदगी अपनी सादगी में
आज भी याद करूँ गुज़रे हुए साथी
ग़म-ओ-ख़ुशियाँ जिनसे बाँटी, रातें अच्छी-बुरी काटी
मेरे हिस्से में क्या मालिक लिखी सिर्फ़ बर्बादी?
या मैं बातों पे ज़रा सी फिर से हो रहा जज़्बाती?
अब आ के लड़े मुझसे, किसी में नहीं तप्पड़
जितने मर्ज़ी ला, अकेला भारी हूँ मैं सब पर
किसी मुक़ाबले से हटा नहीं पीछे कभी
मैं नबील अकबर, शेर वो भी बब्बर
कब तक लेके चलूँ सीने में ये बोझ मैं?
बिना नशे के भी रहता हूँ मदहोश मैं
खो रहा होश मैं, डूबा गहरी सोच में
बदलता ठिकाने, जैसे हूँ ख़ाना-बदोश मैं
कब तक लड़ूँ अपने आप से यूँ रोज़ मैं?
ग़लत फ़ैसले ना ले लूँ कहीं जोश में
खो रहा होश मैं, डूबा गहरी सोच में
बदलता ठिकाने, जैसे हूँ ख़ाना-बदोश मैं
बदलता ठिकाने, जैसे हूँ ख़ाना-बदोश मैं
बदलता ठिकाने, जैसे हूँ ख़ाना-बदोश मैं
बदलता ठिकाने, जैसे हूँ ख़ाना-बदोश मैं
बदलता ठिकाने, जैसे हूँ ख़ाना-बदोश
ज़िक्र भी क्या उसे भला मेरा?
उससे रिश्ता ही क्या रहा मेरा?
आज मुझको बहुत बुरा कह कर
आपने नाम तो लिया मेरा
आख़िरी बात है तुमसे कहना
याद रखना तुम ये कहा मेरा
अब तो कुछ भी नहीं हूँ मैं वैसे
कभी वो भी था मुब्तिला मेरा
अब पैसा पीर, नशा कमान, पैसा तीर
और कैसा प्यार, कैसे यार, और कैसे वीर
अब ना हैं राँझे, ना लैला, और ना कोई हीर
अब मैं ख़ाना-बदोश, hustle की है मुंडीर
वो सुनके मुझे हो जाते हैं आबदीदा
तू लड़का था लड़कपन में, बेटा मैं आदमी था
I broke your back, I smoke a bag
I break your leg, I take your life
No remorse, so fuck your fam
And fuck your fame, and fuck your fans
The fuck you saying? The fuck who cares?
Fuck your sides and fuck your mains
Fuck your calls and fuck your plan
I got it all, मैं ढूँढता चैन
कराची king, ज़रूरत नहीं ताज की
मेरी कल की hustle, जो आसानी लगे आज की
शाहीन हूँ मैं (yeah), कभी गिरा ना
और गिर के उठा तो फिर उड़ने से मैं डरा ना
Smoke trees बिला-नाग़ा, बादल मेरा सिरहाना
कौन कितने पानी में था, फिर भी उसमें तैरा ना
कब तक लेके चलूँ सीने में ये बोझ मैं?
बिना नशे के भी रहता हूँ मदहोश मैं
खो रहा होश मैं, डूबा गहरी सोच में
बदलता ठिकाने, जैसे हूँ ख़ाना-बदोश मैं
कब तक लड़ूँ अपने आप से यूँ रोज़ मैं?
ग़लत फ़ैसले ना ले लूँ कहीं जोश में
खो रहा होश मैं, डूबा गहरी सोच में
बदलता ठिकाने, जैसे हूँ ख़ाना-बदोश मैं
बदलता ठिकाने, जैसे हूँ ख़ाना-बदोश मैं
बदलता ठिकाने, जैसे हूँ ख़ाना-बदोश मैं
बदलता ठिकाने, जैसे हूँ ख़ाना-बदोश मैं
बदलता ठिकाने, जैसे हूँ ख़ाना-बदोश