जब तू नहीं था यहाँ तो ग़म नहीं था
आदत तेरी लगने तक सब कुछ सही था
आया तू ज़िंदगी में बन के सितम सा
हाँ, एक सितम सा
एक तेरे प्यार ने ऐसे दिए ज़खम
ना ही तो जी सके, ना ही मरे हैं हम
एक तेरे प्यार ने ऐसे दिए ज़खम
ना ही तो जी सके, ना ही मरे हैं हम
एक तेरे प्यार ने
जिस दिन पहली बार देखा तुझको कोसूँ उस दिन को मैं
क्यों लड़ते हो, इसका जवाब दूँ किन-किन को मैं?
आँखें चेहरे में धस गईं हैं, कोई रौनक नहीं
लगता हूँ psycho मिलता हूँ जिन-जिन को मैं
छोटी-छोटी बातों पे लड़ने का मन करे
जिससे भी मिलूँ मैं झगड़ने का मन करे
रहती एक anxiety सी, २४ घंटे मरने का मन करे
क्यों है इतनी गंदगी
ना तुझको पता, ना मुझको पता
कुछ भी बचा है क्या तेरे-मेरे बीच में?
तू ये मुझको बता
मैं तुझसे प्यार करना चाहता हूँ, पर और नहीं हो पा रहा
आँखें सूख गईं हैं मेरी, और नहीं रो पा रहा
चाहता हूँ कि आँसू आएँ, आने बंद हो गए हैं
तुझ तक जाते थे जो रस्ते, सारे बंद हो गए हैं
लड़ना भी मैं चाहता हूँ, खाके कहता हूँ कसम
इस बहाने अपने में कुछ तो रहेगा कम से कम
तू मुझको गाली दे, मुझ पे चिल्लाए, मुझ पे चीखे
तू लड़ के घर से बाहर जाए, मैं आऊँ तेरे पीछे
WhatsApp पे मुझको और मेरी family को block कर
मुझे गंदी-गंदी बातें बोल खुद को room में lock कर
मैं खड़काता रहूँ दरवाज़ा और तू खोले ना
मैं खोलने को बोलता रहूँ और तू कुछ बोले ना
तूने ये किया तो मैं ये कर लूँगा हम चिल्लाएँ
दोनों को एक-दूजे की फ़िर गलतियाँ हम गिनवाएँ
थक कर फ़िर रोते, रोते, रोते दोनों सो जाएँ
क्यों ना हम एक-दूजे से फिर अनजाने हो जाएँ?
छोटी-छोटी बातें अब अंदर से खाने लगी हैं
जान मेरी अब मेरे अंदर से जाने लगी है
दोनों में negativity हर दिन आने लगी है
पहले प्यार आया करता था, अब घिन आने लगी है
पहले प्यार आया करता था, अब घिन आने लगी है
पहले प्यार आया करता था, अब घिन आने लगी है
एक तेरे प्यार ने ऐसे दिए ज़खम
ना ही तो जी सके, ना ही मरे हैं हम
एक तेरे प्यार ने ऐसे दिए ज़खम
ना ही तो जी सके, ना ही मरे हैं हम
एक तेरे प्यार ने